बोलने से पहले न तौलने की आदत कई बार बोलने वाले को काफी हास्यास्पद स्थिति में डाल देती है, तो कई बार बेवजह का बवाल भी पैदा कर देती है। इसीलिए बोलने से पहले सोचने का अक्सर सुझाव दिया जाता है। कई बार बोलने वाले का मंतव्य बड़ा सीधा होता है, लेकिन उसका असर उल्टा पड़ जाता है।
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